किडनी फंक्शन टेस्ट: क्या है और क्यों ज़रूरी है? (What is Kidney Function Test and its Importance)

किडनी अपने शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है। किडनी के कुशल कार्य से ही अपने खून में मौजूद जहरीले पदार्थ शरीर से बाहर निकाले जाते है। अपना समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में किडनी का विशेष योगदान होता है। अपने शरीर का फिल्टर याने किडनी! इसके अलावा किडनी रेनिन नामक हार्मोन जो ब्लड प्रेशर, विटामिन डी और रेड ब्लड सेल्स को नियंत्रित करता है उसके उत्पादन का महत्वपूर्ण कार्य भी करती है। इस किडनी की अच्छे से देखभाल करना अपने स्वास्थ्य के लिए हितकारी होता है। इस ब्लॉग में हम किडनी से जुड़े कुछ टेस्ट के बारे में अभ्यास करेंगे। 

किडनी फंक्शन टेस्ट क्या होता है? (What is a Kidney Function Test?)

किडनी फंक्शन टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट है जो किडनी के कार्य का अवलोकन करने में मदद करती है। किडनी अपने खून में मौजूद जहरीले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना, शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखना आदि महत्वपूर्ण कार्य करती है। इस KFT याने किडनी फंक्शन टेस्ट के जरिए डॉक्टर किडनी में पथरी की समस्या या कोई अन्य विकार की शुरुवात नहीं हुई ना ये जांचते है। 

किडनी से संबंधित रोग का निदान और उपचार की दिशा तय करने हेतु यह टेस्ट किया जाता है। किडनी प्रोफाइल टेस्ट में किडनी फंक्शन टेस्ट, GFR, BUN जैसे टेस्ट शामिल होते है जिनसे क्रिएटिनिन, पोटेशियम, कैल्शियम इत्यादि जैसे कई मापदंडों को मापने में सहायता करता है। GFR टेस्ट से किडनी का कार्य कितनी कुशलता से हो रहा है, किडनी शरीर में मौजूद कचरे को साफ करने में कितनी कुशल है ये जांचा जाता हैं।

किडनी की सेहत जांचने के मुख्य तरीके (Tests For Identify Kidney Health)

किडनी की सेहद जांचने के लिए डॉक्टर किडनी प्रोफाइल टेस्ट करने का सलाह देते है। इस टेस्ट में किडनी फंक्शन टेस्ट, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN), क्रिएटनीन, GFR जैसे टेस्ट शामिल होते है। 

किडनी के लिए फायदेमंद आहार (Beneficial Diet For Kidney)

किडनी अपने शरीर का खून साफ करने का काम करती है। जब शरीर में रासायनिक पदार्थ बढ़ जाते है तब किडनी की तकलीफें शुरू हो जाती है। अगर किडनी की बीमारी होते हुवे गलत आहार का सेवन किया जाए तो किडनी पे प्रेशर आ सकता है जिससे तकलीफें और बढ़ सकती है। इसलिए किडनी के लिए फायदेमंद आहार लेना बहुत जरूरी होता है।

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN):

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन एक ऐसा उत्पाद होता है जो लिवर में प्रोटीन मेटाबॉलिज़्म और पेशाब चक्र के अंतिम रूप में बनने वाला पदार्थ है। ८५% तक यूरिया किडनी के माध्यम से तो बाकी गैस्ट्रिक ट्रैक से निकलती है। अगर किडनी की स्थिति खराब है तो यूरिया की रेंज बढ़ जाती है। डीहाइड्रेशन तथा ज्यादा प्रोटीन के सेवन से भी यह रेंज बढ़ सकती है।

क्रिएटिनिन टेस्ट:

अपने मांसपेशियों में क्रिएटिन फ़ॉस्फ़ेट नामक एक ऊर्जावान मॉलिक्यूल होता है। क्रिएटिन फ़ॉस्फ़ेट से क्रिएटीनीन का उत्पादन होता है। किडनी द्वारा यह खून से साफ किया जाता है। किडनी की कार्यक्षमता अगर कम हुई होगी तो वह लेवल खून या सिरम में बढ़ जाता है। 

अगर सिरम में क्रिएटीनीन की वृद्धि दिखाई दे तो यह एक गंभीर स्वरूप माना जाता है। इसका मतलब सिरम में जब तक क्रिएटीनीन की मात्रा बढ़े उसके पहले किडनी ने लगभग अपनी ५०% कार्यक्षमता खो दी होती है। 

किडनी फ़ंक्शन टेस्ट नॉर्मल रेंज:- 

  • वयस्क पुरुषों के लिए क्रिएटिनिन की नॉर्मल रेंज, 0.74 से 1.35 mg/dL
  • वयस्क महिलाओं के लिए क्रिएटिनिन की नॉर्मल रेंज, 0.59 से 1.04 mg/dL

GFR टेस्ट:

ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) याने किडनी के ग्लोमेरुली याने छोटे निस्पादकों से प्रति मिनट कितना खून गुजरता है। अगर किडनी खराब हुई होगी तो किडनी निस्पादक करने के लिए कम खून को प्रवाहित करती है। 

सामान्य रूप से, 

  • ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट 60 या उससे अधिक नॉर्मल रेंज कहलाता है। 
  • अगर यही रेट 60 से कम हो तो किडनी के बीमारी की संकेत देता है। 
  • ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट अगर 15 से कम हुआ तो वह किडनी के खराब होने का संकेत देता है।

किडनी फंक्शन टेस्ट के दौरान क्या होता है?

एक किडनी के मरीज को किडनी फंक्शन टेस्ट में क्या होता है यह जानना बहुत जरूरी होता है। यह टेस्ट किसी भी चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस किडनी फंक्शन टेस्ट के दौरान ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट जैसे कुछ टेस्ट्स किए जाते है। 

इस टेस्ट दौरान आपके खून, पेशाब के सैंपल्स लैब में परीक्षण के लिए भेजे जाते है। रिपोर्ट्स आने पर डॉक्टर उन रिपोर्ट को देखकर आपके आगे की ट्रीटमेंट की रूपरेखा तैयार करते है। यह एक किडनी के कार्यक्षमता को जांचने के लिए किया जाने वाला परीक्षण है। 

किडनी टेस्ट कराने की ज़रूरत कब पड़ती है? (When You Have to Do Kidney Tests)

जिन लोगों को किडनी की बीमारी होती है उनके लिए लो सोडियम और प्रोटीन युक्त पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है। अगर सोडियम और पोटैशियम की मात्रा उनके शरीर में बढ़ जाए तो किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे बचने के लिए अंडा, कीवी, सत्तू, सोयाबीन जैसे पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। 

किडनी रोगियों के लिए परहेज वाले खाद्य पदार्थ (Food Should be Avoided By Kidney Patient)

अपनी अच्छी सेहद के लिए हमेशा कम से कम साल में एक या दो बार कुछ ब्लड टेस्ट कराना अच्छा होता है। अगर आपको कोई बीमारी नहीं है फिर भी आप ऐसे रूटीन चेकअप करते रहे तो भविष्य में होने वाली बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है। 

किडनी टेस्ट के बारे में बात की जाए तो अगर आपको ब्लड प्रेशर, मधुमेह जैसी बीमारी है तो डॉक्टर आप से यह टेस्ट करवाते है। इससे किडनी के स्वास्थ्य का पता चलता है। 

अगर आपको पहले से किडनी की कोई तकलीफ है तो डॉक्टर आप से यह टेस्ट हमेशा करवाते रहते है। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर, मधुमेह, किडनी के बीमारी का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान की आदत या मोटापा हो तो यह टेस्ट करना चाहिए। 

इसके अलावा अगर आपको पेशाब में खून नजर आना, पेट और पीठ में दर्द, पेशाब करने में परेशानी होना ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हो तब किडनी फंक्शन टेस्ट करना चाहिए। 

आपको अगर इस टेस्ट की जरूरत है या टेस्ट के रिपोर्ट्स दिखाने के लिए आप किसी अच्छे डॉक्टर की तलाश में है तो डॉ. निनाद तांबोली जी जो एक यूरोलॉजिस्ट है उनसे आप संपर्क कर सकते हैं।

किडनी फंक्शन टेस्ट की तैयारी कैसे करें? (How to Prepare For Kidney Function Test)

जैसे हमने जाना कि किडनी फंक्शन टेस्ट के वजह से किडनी के स्वास्थ्य का और किडनी की खराबी के शुरुवाती लक्षणों का आकलन होता है। अगर आपको डॉक्टर ने किडनी फंक्शन टेस्ट करने की सलाह दी है तो टेस्ट कराने से पहले नीचे दिए गए बातों का अवश्य ध्यान रखें। 

  1. जब भी आप ब्लड सैंपल देने जाए तभी ध्यान रखें कम से कम आठ घंटे तक आपने उपवास किया हो। याने 8 घंटे तक आपका पेट खाली होना चाहिए। सटीक परिणाम पाने के लिए पानी का सेवन भी न करने की कोशिश करें। 
  2. अगर आप मधुमेह के मरीज है तो ध्यान रखे आपकी शुगर लेवल नियंत्रण में हो। शुगर लेवल का नियंत्रण में न रहना इस टेस्ट के परिणाम में गलत असर डाल सकता है। 
  3. एक बार आपका परीक्षण हो जाने पर तरल पदार्थों का सेवन करे ताकि आप डीहाइड्रेशन से बचे। 
  4. आप अगर पहले से कौनसी दवाई ले रहे है तो वह डॉक्टर को बताए। कुछ दवाएं आपके परीक्षण पर असर डाल सकती है। 
  5. आप टेस्ट कराने जाने से 24 घंटे पहले कठिन व्यायाम न करे।

निष्कर्ष:

अपनी सेहद का ध्यान रखने हेतु डॉक्टर की सलाह अनुसार किडनी फंक्शन टेस्ट करते रहना चाहिए। अगर आपको कोई बीमारी नहीं है लेकिन परिवार में किसी को मधुमेह, हाय ब्लड प्रेशर, किडनी की बीमारी है तो अपने अच्छे स्वास्थ्य हेतु कम से कम साल में एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट करना फायदेमंद रहेगा।

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