किडनी स्टोन के लक्षण: जानें कैसे पहचानें और जल्दी इलाज करें! Book An Apppointment किडनी स्टोन के लक्षण बहुतांश स्वरूप में दिखाई नहीं देते। गंभीर स्वरूप के किडनी स्टोन में पीड़ित व्यक्ति को गंभीर दर्द और ब्लीडिंग जैसी समस्या दिखाई देती है। किडनी स्टोन के लक्षणों में पेशाब करने में कठिनाई, पेशाब करते समय दर्द महसूस करना, जलन, पेशाब का रंग बदलना, बार बार पेशाब करने की इच्छा होना इत्यादि लक्षण दिखाई दे सकते है। किडनी स्टोन के लक्षण: कैसे पहचाने? (Kidney stone and it’s symptoms) हमारे शरीर में सारे अवयवों का एक विशेष स्थान है। उन्हीं में से एक महत्वपूर्ण अवयव मतलब हमारी किडनी! हमारी किडनी अपने शरीर का खून साफ करने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। खून साफ करने के दौरान किडनी खून में मौजूद सभी अपशिष्ट उत्पादों और गैर जरूरी पौषक तत्वों को अलग कर के पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकालती है। अगर किडनी ठीक से काम न कर रही हो या खून में पोषकतत्वों की मात्रा अधिक हो जाए तो यह उत्पाद किडनी में ही जमा होने लगते है जिससे गुर्दे की पथरी की यानी किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। खनिज और एसिड लवण (Mineral And Acid Salts) से किडनी में बनने वाली पथरी बनती है। आमतौर पर किडनी में बनने वाली यह पथरी यानी स्टोन पेशाब के जरिए बाहर निकल जाती है लेकिन कभी कभी यह पेशाब के जरिए बाहर निकल न पाने पर ऑपरेशन का सहारा भी लेना पड़ता है। इस ब्लॉग में हम किडनी स्टोन के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करेंगे। किडनी स्टोन क्या होता है? (What is kidney stone) एक कठोर वस्तु की तरह यह पथरी यानी किडनी स्टोन होता है। जब पेशाब में उपस्थित रासायनिक पदार्थों की सांद्रता उनके निश्चित स्तर से अधिक हो जाती हैं यानी तरल पदार्थों से अधिक रासायनिक पदार्थ बढ़ जाते है तब किडनी स्टोन की समस्या निर्माण होती है।  यह स्टोन का आकर हर व्यक्ति के शरीर में अलग अलग हो सकता है। यह एकदम छोटा या इतना बड़ा भी हो सकता है जिससे किडनी के अंदर की सारी खोखली जगह भर जाती है।  किडनी स्टोन किडनी में ही बनता है मगर वह यूरिनरी ट्रैक के अन्य स्थानों पर भी जा सकता है। कभी कभी यह स्टोन मूत्रवाहिनी यानी किडनी और मूत्राशय को जोड़ने वाली नली में फंस जाता है। जिससे मूत्र विसर्जन में बाधा उत्पन्न होती है। अगर किडनी स्टोन का आकर छोटा हो तो वह मूत्रवाहिनी के जरिए मूत्राशय और फिर पेशाब के जरिए शरीर के बाहर निकल जाता है। मगर मूत्रवाहिनी में फंसा किडनी स्टोन पीड़ित व्यक्ति को बहुत कष्ट देता है। लंबे समय तक अगर यह पथरी मूत्र वाहिनी में फंसी रहे तो शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन के पाँच प्रकार होते है। एक कठोर वस्तु की तरह यह पथरी यानी किडनी स्टोन होता है। जब पेशाब में उपस्थित रासायनिक पदार्थों की सांद्रता उनके निश्चित स्तर से अधिक हो जाती हैं यानी तरल पदार्थों से अधिक रासायनिक पदार्थ बढ़ जाते है तब किडनी स्टोन की समस्या निर्माण होती है।  यह स्टोन का आकर हर व्यक्ति के शरीर में अलग अलग हो सकता है। यह एकदम छोटा या इतना बड़ा भी हो सकता है जिससे किडनी के अंदर की सारी खोखली जगह भर जाती है।  किडनी स्टोन किडनी में ही बनता है मगर वह यूरिनरी ट्रैक के अन्य स्थानों पर भी जा सकता है। कभी कभी यह स्टोन मूत्रवाहिनी यानी किडनी और मूत्राशय को जोड़ने वाली नली में फंस जाता है। जिससे मूत्र विसर्जन में बाधा उत्पन्न होती है। अगर किडनी स्टोन का आकर छोटा हो तो वह मूत्रवाहिनी के जरिए मूत्राशय और फिर पेशाब के जरिए शरीर के बाहर निकल जाता है। मगर मूत्रवाहिनी में फंसा किडनी स्टोन पीड़ित व्यक्ति को बहुत कष्ट देता है। लंबे समय तक अगर यह पथरी मूत्र वाहिनी में फंसी रहे तो शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। १. कैल्शियम स्टोन : कैल्शियम ऑक्सालेट और कभी-कभी कैल्शियम फॉस्फेट या मैलेट रसायन शामिल होने से बनने वाला यह कैल्शियम स्टोन किडनी स्टोन का एक सामान्य प्रकार है। इस प्रकार से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर टमाटर, चॉकलेट, नट्स और पालक जैसे उच्च ऑक्सालेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने की सलाह देते है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि आप दैनंदिन जीवन में कैल्शियम की मात्रा बहुत ही कम कर दें। न्यूनतम स्तर से कम कैल्शियम की मात्रा भी कैल्शियम स्टोन होने का कारण बन सकती है।  2. यूरिक एसिड: यह किडनी स्टोन अधिकतर पुरुषों में पाया जाता है। मधुमेह, गाउट, मोटापा और अन्य मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों में यह स्टोन की समस्या दिखाई देती है। जब पेशाब अत्यधिक अम्लीय हो जाता है या मूत्र की मात्रा बहुत कम हो जाती है और व्यक्ति के खून में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है  तब यह स्टोन की समस्या पाई जाती है। प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों के ज़्यादा सेवन से यानी मछली, मांस और शेलफिश जैसे पदार्थोसे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण भी स्टोन हो सकता है।  ३. स्ट्रुवाइट यह किडनी स्टोन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाया जाता है। दूसरे किसी प्रकार के किडनी स्टोन के तुलन में यह आकर में बड़ा होता है और मूत्र मार्ग में रुकावट पैदा करता है। ४. सिस्टीन: यह किडनी स्टोन का एक बहुत दुर्लभ प्रकार है। यह प्रकार सिस्टिनुरिया नामक आनुवंशिक विकार वाले व्यक्तियों में उत्पन्न होता है। ५. दवाई के वजह से बनने वाला स्टोन: इंडिनवीर, एसाइक्लोविर आदि जैसे दवाई के वजह से भी किडनी में स्टोन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। किडनी स्टोन के मुख्य कारण (Causes of Kidney stone) आजकल की बदलने वाली जीवनशैली किडनी स्टोन का एक प्रमुख कारण है। अस्वास्थ्य पूर्ण जीवनशैली किडनी स्टोन होने को बढ़ावा देती है। इन कारणों में से कुछ कारण इस तरह है: खाने पीने की आदतें और किडनी स्टोन: खाना हमारे जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण भाग है। हम जिस प्रकार का अन्न सेवन करते है उसपर हमारी सेहद निर्भर करती है। कम पानी पीना, जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना, शुगर का ज्यादा सेवन, वजन का बढ़ना, कैल्शियम की दवा का ज्यादा सेवन इस वजह